MP Rainfall: बारिश और ओलावृष्टी से 34 हजार किसानों की 38,985 हेक्टेयर फसल खराब, सिर्फ इन जिलों को मुआवजा देगी सरकार!
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जानकारी के अनुसार सबसे पहले मालवा की तरफ ओलावृष्टि हुई. रतलाम, आगरमालवा, मंदसौर, विदिशा, नीमच, खरगोन, राजगढ़, रायसेन, बड़वानी, भोपाल, शाजापुर, ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर, मुरैना और धार जिलों में ओले गिरे. सर्वे के बाद पता चला कि रतलाम, मंदसौर, विदिशा और धार में 25% से ज्यादा नुकसान हुआ है.
मध्यप्रदेश में हुई बेमौसम की बारिश ने किसानों के साथ-साथ सरकार को भी चिंता में डाल दिया है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 38,985 हेक्टेयर फसलों पर बारिश का असर पड़ा है जिसे लेकर सर्वे कराया जा रहा है.
MP Rainfall: मध्यप्रदेश में इस महीने हुई आफत की बारिश ने किसानों की आंखों में आंसू ला दिए है. आंधी, ओले और पानी से किसानों की खड़ी फसल बर्बाद हो गई है. सरकारी सिस्टम में अभी तक जो आंकड़े आए हैं, उसके मुताबिक प्रदेश भर में 33 हजार 884 किसानों की 38 हजार 985 हेक्टेयर फसल खराब या प्रभावित हुई है. इसमें पिछले दो दिनों में महाकौशल (Mahakoshal) और बुंदेलखंड (Bundelkhand) इलाके में आई तबाही के आंकड़े शामिल नहीं है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने सोमवार को एक बैठक में ओलावृष्टि की जानकारी ली. राज्य के कृषि और राजस्व विभाग ने बताया कि ओलावृष्टि से गेंहू, चना, लहसुन, इसबगोल, धनिया, अलसी, मसूर, सरसों, मक्का एवं सब्जी की फसलें खराब हो गई हैं. इसके साथ ही 12 जिलों में बिजली गिरने से 22 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है. सीएम चौहान ने प्रभावित जिलों में तत्काल सर्वे शुरू कराने के निर्देश दिए. उन्होंने एक हफ्ते में सर्वे रिपोर्ट मांगी है.
करीब 34 हजार किसानों की 38,985 हेक्टेयर फसल खराब
सूबे में मार्च के महीनें में 20 से 22 जिलों में ओले के साथ आफत की बारिश हुई. इससे नुकसान का आंकलन शुरू हो चुका है जिसका पूरा डाटा एक हफ्ते बाद मिल पाएगा. सरकार को मिली प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 19 जिलों के 525 गांवों में 33 हजार 884 किसानों की 38 हजार 985 हेक्टेयर फसल खराब या प्रभावित हुई है. इस आंकड़े से सरकार भी चिंतित है. सरकार ने सर्वे के लिए राजस्व, कृषि और पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अफसरों का संयुक्त दल भी बनाया है. जानकारी के अनुसार सबसे पहले मालवा की तरफ ओलावृष्टि हुई. रतलाम, आगरमालवा, मंदसौर, विदिशा, नीमच, खरगोन, राजगढ़, रायसेन, बड़वानी, भोपाल, शाजापुर, ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर, मुरैना और धार जिलों में ओले गिरे.
25% से अधिक नुकसान वाले जिलों में ही मिलेगी राहत
सर्वे के बाद पता चला कि रतलाम, मंदसौर, विदिशा और धार में 25% से ज्यादा नुकसान हुआ है. बाकी 12 जिलों में नुकसान कम है. नियमानुसार 25 प्रतिशत से अधिक नुकसान वाले जिलों में ही किसानों को राहत मिल पाएगी. दूसरे चरण में नर्मदापुरम, शहडोल, जबलपुर, चंबल, उज्जैन, सागर, इंदौर, ग्वालियर, रीवा और भोपाल संभाग के जिलों में बारिश हुई. 19 मार्च को मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर बारिश हुई.सोमवार को जबलपुर और आसपास के इलाकों में भी जबरदस्त बारिश हुई.
कांग्रेस ने सदन से किया वॉकआउट
वहीं सोमवार को विधानसभा में ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों और 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा के पेपर लीक (Board Exam Paper Leak) को लेकर कांग्रेस ने हंगामा किया. नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह (Govind Singh) ने कहा कि प्रदेश के 13 से 14 जिलों में ओलावृष्टि हुई और इससे फसलें खराब हो गईं. किसानों में हाहाकार मचा है लेकिन सरकार ने अब तक सर्वे शुरू नहीं कराया है. नायब तहसीलदार- तहसीलदार हड़ताल पर हैं. वहीं जब सदन में इस पर चर्चा नहीं हुई तो विरोध में कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया.
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Published at: 21 Mar 2023 01:26 PM (IST)
मध्य प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। सरकार की अब तक की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 20 जिलों में फसल प्रभावित हुई है। प्रारंभिक सर्वे के मुताबिक 51 तहसीलों के 520 ग्रामों में 38 हजार 900 कृषकों की 33 हजार 758 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को नुकसान की समीक्षा बैठक की। जिसमें अधिकारियों को 25 मार्च तक सर्वे पूरा करने को कहा है।
खेतों में 60 से 90 प्रतिशत फसल को नुकसान
सरकार के प्रारंभिक सर्वे में 51 तहसीलों में नुकसान की बात कही जा रही है। हालांकि जिलों से मिली जानकारी के अनुसार 25 मार्च तक पूरा होने वाले सर्वे में आकड़ा दोगुना से ज्यादा बढ़ सकता है। ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से किसानों की 60 से 90 प्रतिशत तक फसल बर्बाद हुई है। प्रदेश के 12 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने से 22 लोगों की मृत्यु हुई हैं।
सरकार के प्रारंभिक सर्वे में 51 तहसीलों में नुकसान की बात कही जा रही है। हालांकि जिलों से मिली जानकारी के अनुसार 25 मार्च तक पूरा होने वाले सर्वे में आकड़ा दोगुना से ज्यादा बढ़ सकता है। ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से किसानों की 60 से 90 प्रतिशत तक फसल बर्बाद हुई है। प्रदेश के 12 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने से 22 लोगों की मृत्यु हुई हैं।
इन जिलों में ओलावृष्टि से फसलें प्रभावित
प्रदेश के 20 जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि होने से फसलों को नुकसान हुआ। 17 और 18 मार्च को नर्मदापुरम, शहडोल, जबलपुर, चंबल, उज्जैन, सागर, इंदौर, ग्वालियर, रीवा और भोपाल संभाग के जिलों में बारिश हुई। 19 मार्च को मंडला, बालाघाट, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, कटनी, सिवनी और शहडोल जिलों में तेज हवा, ओलावृष्टि के साथ बारिश हुई।
प्रदेश के 20 जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि होने से फसलों को नुकसान हुआ। 17 और 18 मार्च को नर्मदापुरम, शहडोल, जबलपुर, चंबल, उज्जैन, सागर, इंदौर, ग्वालियर, रीवा और भोपाल संभाग के जिलों में बारिश हुई। 19 मार्च को मंडला, बालाघाट, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, कटनी, सिवनी और शहडोल जिलों में तेज हवा, ओलावृष्टि के साथ बारिश हुई।
फसल बीमा का लाभ भी मिलेगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वे के साथ ही प्रभावित किसानों और उन्हें हुए नुकसान की सूची पंचायतों में चस्पां की जाए। किसानों की ओर से प्राप्त आपत्तियों का निराकरण कर पूरी संवेदना और पारदर्शिता के साथ नुकसान का आंकलन किया जाए। किसानों को राहत राशि के साथ अद्यतन तकनीक से किए गए क्रॉप कटिंग एक्सपरिमेंट के आधार पर फसल बीमा योजना का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। किसानों को समय रहते नुकसान की भरपाई के लिए सर्वे के समानांतर ही फसल बीमा योजना के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए। इससे आरबीसी 6-4 में दी जाने वाली तात्कालिक राहत की राशि और फसल बीमा योजना का सहारा किसानों को मिल सकेगा। फसलों के नुकसान के अलावा पशुहानि के लिए बढ़ी हुई राशि के अनुरूप राहत प्रदान की जाएगी।
कमलनाथ ने राहत राशि तुरंत बांटने लिखा पत्र
पूर्व सीएम कमलनाथ ने सीएम शिवराज को पत्र लिखकर ओलावृष्टि से फसल को हुए नुकसान के लिए तुरंत राहत राशि बांटने की मांग की है। साथ ही किसानों से बिजली के बकाया बिलों और फसल ऋण की वसूली तुरंत रोक लगाने की मांग की है। प्रदेश के मालवा निमाड़ बुंदेलखंड महाकौशल एवं नर्मदा पुरम के अनेक जिलों में प्राकृतिक आपदा घटित हुई है। पिछले 15 दिन से सरकार सिर्फ सर्वे कराने की बात कह रही है। अब तक एक भी किसान को नहीं मिली राहत राशि। रबी की गेहूं, जौ,चना, मटर, सरसों, अलसी, धनिया, ईसबगोल आदि की फसलें या तो खेत में खड़ी थी या थ्रेसिंग के लिए खेत में कटी रखी थी। यह फसलें ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से खराब हो गई हैं।
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