300% बड़ा रूस से भारत का व्यापार, सस्ते तेल में बढ़ाया देश का आयात बिल:-
नई दिल्ली: भारत ने पिछले 1 साल से रूप से बड़े पैमाने पर कच्चे तेल का आयात किया, जिससे रूस भारत का पांचवा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है। जो वित्त वर्ष 2022 में 25 वे स्थान पर था वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल दिसंबर 2022 के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार 300% बढ़कर 9.1 अरब डॉलर से $35 तक पहुंच गया था।
हालांकि रूस के साथ भारत का व्यापार घाटा करीब 8 गुना बढ़ गया है। 2022 में देश का व्यापार घाटा 4.03 अरब डॉलर था। जो दिसंबर तिमाही में बढ़कर 30.61 अरब डालर पहुंच गया। भारत से रूस को निर्यात में 13.5% की गिरावट आई और वह 2.2 अरब डॉलर रहा, वहीं आयात 384% बढ़ने से भारत का रूस के सात व्यापार घाटा बड़ा है इसमें कच्चे तेल के आयात की सबसे अधिक योगदान है अप्रैल दिसंबर में भारत में रूप से 25% यानी 32 पॉइंट 61 अरब डॉलर मूल के कच्चे तेल का आयात रियायती दामों पर किया है।
निर्यातकों: व्यापार घाटा चिंता का विषय नहीं।
का संगठन फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि भारत रूस के बीच व्यापार घाटा चीन की तरह चिंता का सबब नहीं है, क्योंकि भारत का रूस से गैर जरूरी चीजों का आयात नहीं कर रहा है। रूस से कच्चा तेल रियायती कीमतों पर उपलब्ध है। इसकी वजह से भारत महंगाई से लड़ने में सक्षम है रूस से आयातित कच्चे तेल को रिफाइन करके ऊंची कीमतों पर नीदरलैंड यूरोपीय संघ और अमेरिका को निर्यात किया गया है। इससे भारतीय तेल कंपनियों को मोटी कमाई हुई है, और देश से रिफाइन पेट्रोलियम उत्पादक का निर्यात भी पिछले 1 साल से बढ़ा है।
13.5%:-घटा भारत से रूस को होने वाला निर्यात जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा बढ़कर 30.61 अरब डॉलर पहुंच गया जो 1 साल पहले महज 4.0 3 डॉलर था।
0.5वां:- सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया रूस जो 1 साल पहले 25 नंबर पर था।
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